Phasalo
Ka
 Mukh
Kat‑Rog, Unaka
 Bandhan
Evan
Takau
Khetee

Phasalo
Ka
 Mukh
Kat‑Rog, Unaka
 Bandhan
Evan
Takau
Khetee

Authors: Dr. Upesh Kumar, Dr. Traloki Singh, Dr.K.B Anand,
Publish Date/ Year : November 2022 | Format: Paperback | Genre : Agriculture | Other Book Detail

इस विधि में गर्मियों के दिनों में उचित नमीयुक्त तैयार खेत को पारदर्शी पालिथिन शीट (50 मिली माइकोन) से ढककर चारों तरफ से सील कर देते हैं। फलस्वरूप अधिकाधिक सौर उर्जा मिट्टी के अंदर प्रवेश करके उसका तापमान बढ़ा देती है क्योंकि रात के समय पालीथिन सीट मिट्टी की उष्मा को बाहर निकलने से रोकती है इस प्रकार मृदा का तापमान 50 सेंटीग्रेट या इससे भी अधिक पहुँच जाता है। लम्बे समय तक उच्च तापमान बने रहने के कारण मृदा में पाये जाने वाले खरपतवार के बीज मर जाते है और इसके अलावा मृदा जनित रोग फैलाने वाले कई तरह के कवक, निमोटोड तथा जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं। इस विधि में रसायन का प्रयोग बिलकुल नहीं होता जिसका सीधा संबंध प्रदूषण से है जिसके माध्यम से हम टिकाउ फसल उत्पादन कर सकते है।
Pages

132 pages
Language

Hindi
Publication date

November 2022
ISBN-13

९७८ ‑९३ ‑९५५८१ ‑२३ ‑३




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Dr. Upesh Kumar

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डॉ उपेश कुमार ने बी.एस.सी. (कृषि एवं पशुपालन) , एम. एस. सी (पादप- रोग विज्ञान ) एवं पी.एच.डी (पादप- रोग विज्ञान ) की शिक्षा चंद्र शेखर आजाद कृषि एवम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर (उत्तर प्रदेश) से प्राप्त की हैं। इन्होने भा.कृ.अनु.प.-कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल, नई दिल्ली से पादप- रोग विज्ञान में नेट (NET IN PLANT PATHOLOGY) की परीक्षा उत्तीर्ण किया है I शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त डॉ उपेश कुमार ने कृषि विज्ञान केंद्र, सीहोर (मध्य प्रदेश) में वैज्ञानिक फसल सुरक्षा पद पर 10 वर्ष तक कार्य किया है और वर्तमन समय में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कृषि विज्ञान केंद्र, पाटन (गुजरात) में कार्य कर रहे हैं

Dr. Traloki Singh

Dr. Traloki Singh

डॉ. त्रलोकी सिंह, ने बी.एस.सी. (कृषि) एवं एम. एस. सी (कृषि) सस्य विज्ञान में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा उत्तर प्रदेश से किया है और पी.एच.डी की डिग्री बुन्देलखंड विश्वविद्यालय, (जिनका शोध कार्य भा.कृ.अनु.प.-केंदीयकृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, झाँसी) झाँसी, उत्तर प्रदेश से किया है I इन्होने भा.कृ.अनु.प.-कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल, नई दिल्ली से सस्य विज्ञानं में नेट (NET IN AGRONOMY) की परीक्षा उत्तीर्ण किया है I डॉ. सिंह ने चार वर्ष तक विश्वविद्यालय एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की विभिन्न परियोजनायों में कार्य किया है और वर्तमान में वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के अधीन केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान के अंतर्गत कृषि विज्ञानं केंद्र कच्छ भुज गुजरात में माह फरवरी 2013 से विषय विशेषज्ञ (सस्य विज्ञानं) के पद पर कार्यरत है I

Dr.K.B Anand

Dr.K.B Anand

डॉ.के.बी आनन्द ने बी.एस.सी (कृषि) चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोधोगिकी विश्वविद्यालय, एम.एस.सी (कृषि) एवं पी.एच.डी (सस्य विज्ञानं) में आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रोधोगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज फैजाबाद (अयोध्या) उत्तर प्रदेश से पास किया है और इन्होने भा.कृ.अनु.प.-कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल, नई दिल्ली द्वारा सस्य विज्ञानं में सस्य विज्ञानं में नेट (NET IN AGRONOMY) की परीक्षा उत्तीर्ण किया है I डॉ. आनन्द ने भा.कृ.अनु.प.-केंदीयकृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, झाँसी में तीन वर्ष तक एक परियोजना में कार्य कर चुके हैं वह वर्तमान में उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी में वर्ष 2011 से असिस्टेंट प्रोफेसर सस्य विज्ञानं एवं विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं I इनके 15 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय जर्नलस में प्रकाशित कर चुके हैं I